Wednesday, September 30, 2020

Upanishad XXXVI - He Has Lived Many Lives / उसने कई ज़िंदगी जी

He has lived many lives,

with their physical 

births and deaths.

He knows that the death

of the physical body

is not the end of consciousness.

He does not have to tell you this,

but he is telling you.


Nagna says:

Many do not remember,

many do not see.


उसने कई ज़िंदगी जी,

उनकी शारीरिक के साथ

जन्म और मृत्यु।

वह जानता है कि मृत्यु

भौतिक शरीर का

चेतना का अंत नहीं है।

उसे आपको यह बताने की जरूरत नहीं है,

लेकिन वह आपको बता रहा है।


नग्न कहते हैं:

बहुतों को याद नहीं है,

कई नहीं देखते हैं।

 





Text and image Copyright © 2020 by Donald C. Traxler aka Nagna Chidaananda.



Upanishad XXXV - He Greets Us from the Past / वह हमें अतीत से सलाम करता है

He greets us from the past,

the present,

from the future,

and from every place.

There is no time,

there is no space.

All is here,

and all is now.


Nagna says:

He is Consciousness,

and we meet him

everywhere.


वह हमें अतीत से सलाम करता है,

वर्तमान से,

भविष्य से,

और हर जगह से।

समय नहीं है,

कोई जगह नहीं है।

सब यहाँ है,

और सब अब है


नग्न कहते हैं:

वह चेतना है,

और हम उससे मिलते हैं

हर जगह।






Text and image Copyright © 2020 by Donald C. Traxler aka Nagna Chidaananda.